कठपुतलियाँ
सुगना जब-जब कोठरी के अंदर-बाहर जाती, दरवाज़े के पीछे लटकी कठपुतलियाँ उससे टकरा जातीं… उसे रोकतीं अपनी कजरारी, तीखी, फटी-फटी आँखों से, चमाचम गोटे के लहँगों वाली रानियाँ, नर्तकियाँ, और अंगरखे-साफे वाले, आँके-बाँके, राजा-महाराजा और घोड़े पर सवार सेनापति।