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Harihar Prasad Choudhary ‘Nutan’'s Photo'

हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’

1938 - 1994 | वैशाली, बिहार

हिंदी के सुकंठ गीतकार और नवगीतकार के रूप में चर्चित।

हिंदी के सुकंठ गीतकार और नवगीतकार के रूप में चर्चित।

हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’ का परिचय

जन्म : 11/01/1938 | वैशाली, बिहार

निधन : 19/06/1994

हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’ ने एस.पी.एस. सेमिनरी, सोनपुर और श्री मुल्कज़ादा सिंह उच्चांग्ल विद्यालय, दीघी (हाज़ीपुर) में हिंदी-शिक्षक के रूप में काम किया। कुछ समय के लिए रामेश्वर बालेश्वर महाविद्यालय, दलसिंहसराय में हिंदी के प्राध्यापक बने, परंतु स्वाभिमानी होने के कारण कॉलेज प्रबंधन को ख़ुश रखने में कामयाब नहीं हो सके। अतः वहाँ की नौकरी छोड़कर पुनः श्री मुल्कज़ादा सिंह उच्चांग्ल विद्यालय में लौट आए। यहीं हिंदी पढ़ाते हुए 19 जून 1994 में उनका निधन हुआ।

हिंदी की प्रायः सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं यथा–‘ज्ञानोदय’, ‘कादंबिनी’, ‘नवनीत’, ‘आरती’, ‘युयुत्सा’, 'हिंदुस्तान', 'आज' तथा 'आर्यावर्त' में कविताएँ प्रकाशित। कविता-संग्रह 'वेणु' (1956), 'मंजिल' (1961), 'नीम और चंदन' (1970) तथा 'बिहार-महिमा' (1991) उनके जीवनकाल में प्रकाशित तथा 'क़र्ज़ लोहे का भरेगा आदमी' (2000), 'बूँद स्वाति की' (2005) एवं 'रत्नावली' (खंडकाव्य; 2021) मरणोपरांत प्रकाशित। 

हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’ हिंदी के सुकंठ गीतकार और नवगीतकार के रूप में देश भर में चर्चित रहे। उन्होंने नागार्जुन, निदा फ़ाज़ली, गोपालदास नीरज, आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री, आरसी प्रसाद सिंह, शलभ श्रीराम सिंह सरीखे चर्चित कवियों के साथ मंच साझा किए और कवि-सम्मेलनों में श्रोताओं की ख़ूब तालियाँ बटोरीं।

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