1892 - 1972 | उज्जैन
सन् 1930 मे नमक-सत्याग्रह करना था। प्रांतीय कांग्रेस कमेटी ने मझे पहला डिक्टेटर बनाया था। एक ओर स्वयंसेवकों की भर्ती हो रही थी, दूसरी ओर धन-संग्रह करना था। एक दिन सब स्वयंसेवकों की मीटिंग मैंने बुलाई। उनमें एक बहुत दुबला-पतला भद्दी-सी शक्ल का स्वयंसेवक
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जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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