गौरव गुप्ता की संपूर्ण रचनाएँ
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प्रिय नेरूदा, तुम कविता की दुनिया में एक चमकता सितारा हो, जिसे एक युवा दूर पृथ्वी से हमेशा निहारता रहता है। उसकी इच्छा है कि उसके घर की दीवारें तुम
By गौरव गुप्ता | 15 जुलाई 2023
उदास शहर की बातें
एक इन दिनों अजीब-सी बेरुख़ी है, मार्च की हवा चुभ रही है। ख़ुद से लड़ाई बढ़ती चली जा रही है। जब लड़ाई ख़ुद से हो तो जीतने में कोई रस नहीं रहता, क्योंकि जो
By गौरव गुप्ता | 09 अक्तूबर 2023