1946 | दिल्ली
सुपरिचित कवि-लेखक। बाल-साहित्य में योगदान के लिए भी उल्लेखनीय।
यूँ तो बच्चन जी को अनेक बार देखने-सुनने का अवसर मिला दिल्ली में लेकिन उनमें से कुछ मुलाकातें और उनकी यादें ऐसी हैं कि कभी नहीं भूलतीं। न केवल कभी नहीं भूलतीं बल्कि हमेशा सदाबहार प्रेरणा बनी रहती हैं। उन्हीं के कारण बच्चन जी से आत्मीय भाव भी बहुत मिला।
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जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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