आदिकाल
हिंदी साहित्य के इतिहास में अनुमानतः 993 ई. से 1293 ई. के बीच का समय आदिकाल माना गया है। इस युग के कई नामकरण हुए, लेकिन अपने समय की व्यापक पृष्ठभूमि का बोध ‘आदिकाल’ शीर्षक से पूर्णतः संप्रेषित होने के कारण हिंदी साहित्य के आरंभिक दौर के लगभग तीन सौ वर्षों का स्वीकृत नाम आदिकाल है।
जैन कवि
समय : 13वीं सदी। जैन कवि। जैन धर्म में जीव दया के महत्त्व को स्थापित करने के लिए करुण रस से परिपूर्ण खंडकाव्य-लेखन।
1000 ई. के आस-पास राजस्थान में हुए विशुद्ध रहस्यवादी जैन कवि। भारतीय अध्यात्म में भावात्मक अभिव्यंजना की अभिव्यक्ति के लिए उल्लेखनीय।
समय : 13वीं सदी। जैन कवि। गणपतिचंद्र गुप्त के अनुसार हिंदी के प्रथम कवि। अनेक कृतियों से रास-काव्य-परंपरा को समृद्ध किया।
समय : 13वीं सदी। जैन कवि। जैन धर्म-प्रचार के साथ-साथ काव्य में नीति निरूपण के लिए स्मरणीय।
समय : 13वीं सदी। जैनाचार्य। गद्य-पद्यमय संस्कृत-प्राकृत काव्य ‘कुमारपाल प्रतिबोध’ के रचयिता।