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आवो रे नंदा नंदन प्यारे

aawo re nanda nandan pyare

केशवस्वामी

केशवस्वामी

आवो रे नंदा नंदन प्यारे

केशवस्वामी

और अधिककेशवस्वामी

    आवो रे नंदा नंदन प्यारे।

    तन धन ज्योबनं पति सुत संपति भावत नहिं तुज बिन पियारे॥

    आदि पुरुष तूं त्रिभुवन नायक, शुक सनकादिक मुनि को सांई।

    जनम-मरण दु:ख सकल निवारण, चरण-कमल दल तेरो गुसांई॥

    तू ही मेरो माता तू ही मेरा पिता, तू ही मेरा भ्राता परम दयानिधि।

    केशव राज प्रभू नित हारे मिलन सूं सकल सुख की गति पाडंगी बीरधी॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : हिंदी के जनपद संत (पृष्ठ 374)
    • संपादक : काका साहेब कालेलकर
    • रचनाकार : केशवस्वामी
    • प्रकाशन : मोतीलाल बनारसीदास
    • संस्करण : 1963

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