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यह नइया ढगमगि नाम बिना

ye naiya Dhagamagi nam bina

दूलनदास

दूलनदास

यह नइया ढगमगि नाम बिना

दूलनदास

और अधिकदूलनदास

    यह नइया ढगमगि नाम बिना। लाइ ले सत्त नाम रठना॥

    इत उत्त मौलल अगम पना। अहै जरूर पार तरना॥

    सैं निगुनी गुन एकौ नाहीं। माँझ धार नहिं कोउ अपना॥

    दिहेउँ सीरु सतगुरु धरना। नाम अधार है दुलन जना॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : दूलनदासजी की बानी (पृष्ठ 2)
    • संपादक : अधम
    • रचनाकार : दूलनदास
    • प्रकाशन : बेलवेडियर प्रेस, प्रयाग
    • संस्करण : 1931

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