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संतन को कहा सीकरी काम

santan ko kaha sikri kaam

कुंभनदास

कुंभनदास

संतन को कहा सीकरी काम

कुंभनदास

और अधिककुंभनदास

    संतन को कहा सीकरी काम॥

    आवत जात पन्हैयाँ टूटीं, बिसरि गयौ हरि-नाम॥

    जाकौ मुख देखैं दुख लागै, ताको करिबे परी सलाम।

    ‘कुंभनदास' लाल गिरधर बिन और सब बेकाम॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : ब्रजमाधुरी सार (पृष्ठ 146)
    • संपादक : वियोगी हरि
    • रचनाकार : कुम्भनदास
    • प्रकाशन : हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग
    • संस्करण : 2002

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    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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