Font by Mehr Nastaliq Web

मंगलाचरण (तीन)

manglachran (teen)

मुल्ला दाउद

मुल्ला दाउद

मंगलाचरण (तीन)

मुल्ला दाउद

और अधिकमुल्ला दाउद

    सिरजसि बेलि फूल ओ(औ) बासूं(सू)।

    सिरजसि भ(भं)वर छाडहि पासू।

    सिरजसि सीतर चंदनु सुहावा।

    सिरजसि नाग तिही यु(जु) बिढवि(बिढावा)।

    सिरजसि कोइल(लि) मधुरी बैनी।

    सिरजसि दादुर चवै यु (जु) रैनी।

    सिरजसि क(कं)वर पदम जर माहां।

    सिरज[सि]पानौ यु(जु)अछैहि बाहा(छाहां)।

    सिरजसि अगनि जरत यों (जो) दहा।

    सिरजसि कनिक झार यों (जो) सहा।

    सिरजसि पानि अठारा(र)ह सिरजसि अगनित मूरि।

    सिरजसि कत अगुरायनि (आकरायनि?) सबै रहा भरपूरि॥

    उसने वल्लियों, फूलों और उनकी सुवासों की रचना की और उन भ्रमरों की रचना की जो (उनका) पार्श्व नहीं छोड़ते हैं। उसने शीतल और सुख देने वाले चंदन की रचना की और उन नागों को भी उसने रचा जो उसका उपभोग करते हैं। उसने मधुर वचनों वाली कोकिला की रचना की और उस दादुर को भी उसने रचा जो रात्रि में बोलता है। जल में उतपन्न होने वाले कमल और पद्म को उसने रचा और उसके पर्णों की भी रचना की जो छाये रहते हैं। दग्ध करने वाली अग्नि को रचने वाले ने ही उस स्वर्ण की भी रचना की जो उस अग्नि की ज्वाला को सहन करता है। उसने अट्ठारह प्रकार के प्राणियों की और अगणित जड़ी-बूटियों की रचना की। उसने कितनों की ही आकर पदार्थों के रूप में रचना की, और वह सभी में व्याप्त हो रहा।

    स्रोत :
    • पुस्तक : चांदायन (पृष्ठ 3)
    • रचनाकार : मुल्ला दाउद
    • प्रकाशन : प्रामाणिक प्रकाशन, आगरा
    • संस्करण : 1967

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए