Font by Mehr Nastaliq Web

करत गोपाल यमुना जल क्रीड़ा

karat gopaal yamuna jal kriiDa

परमानंद दास

परमानंद दास

करत गोपाल यमुना जल क्रीड़ा

परमानंद दास

और अधिकपरमानंद दास

    करत गोपाल यमुना जल क्रीड़ा।

    सुर नर असुर थकित भये देखत बिसर गई तनमन जिय पीड़ा॥

    मृगमद तिलक कुंकुम चंदन अगर कपूर वास बहु भुरकन।

    कुच युग मग्न रसिक नंदनंदन कमल पाणि परस्पर छिरकन॥

    निर्मल शरद कमलाकृत शोभा बरखत स्वाति बूंद जलमोती।

    परमानंद कंचन मणि गोपी मरकत मणि गोविंद मुख जोती॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : अष्टछाप के कवि (पृष्ठ 112)
    • संपादक : हरगुलाल
    • रचनाकार : परमानंददास
    • प्रकाशन : प्रकाशन विभाग सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार
    • संस्करण : 2008

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए