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कमल दल नैननि की उनमानि

kamal dal nainani ki unmani

रहीम

रहीम

कमल दल नैननि की उनमानि

रहीम

और अधिकरहीम

    कमल दल नैननि की उनमानि।

    बिसरत नाहिं मदनमोहन की मंद-मंद मुसकानि॥

    दसनन की द्युति चपला हूँ तैं चारु चपल चमकानि।

    बसुधा की बस करी मधुरता सुधा-पगी बतरानि॥

    चढ़ी रहै चित उर बिलास की मुकतमाल लहरानि।

    नृत्य समय पीतांबर की वह फहरि-फहरि फहरानि॥

    अनुदिन श्रीबृंदाबन ब्रज तैं आवन-आवन जानि।

    छबि रहीम चित तैं टरति है सकल स्याम की कानि॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : रहीम-कवितावली (पृष्ठ 64)
    • संपादक : सुरेंद्र तिवारी
    • रचनाकार : रहीम
    • प्रकाशन : नवलकिशोर प्रेस, लखनऊ
    • संस्करण : 1926

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