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चेतन तैं सब सुधि बिसरानी भइया

chetan tain sab sudhi bisrani bhaiya

बख्तराम साह

बख्तराम साह

चेतन तैं सब सुधि बिसरानी भइया

बख्तराम साह

और अधिकबख्तराम साह

    चेतन तैं सब सुधि बिसरानी भइया।

    झूठौं जग सांचौ करि मान्यौ, सुनी नहीं सतगुरु की बानी भइया।

    भ्रमत फिर्यो चहुँगति में अब तौ, भूख त्रिसा सही नींद निसानी भइया॥

    ये पुदगल जड जानि सदा ही, तेरौ तौं निज रूप सग्यानी भइया।

    बखतराम सिव सुख तव पै है, ह्वै है तब जिनमत सरधानी भइया॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : हिंदी पद संग्रह (पृष्ठ 166)
    • संपादक : कस्तूरचंद कासलीवाल
    • रचनाकार : बख्तराम साह
    • प्रकाशन : गैंदीलाल साह, महावीर भवन, जयपुर
    • संस्करण : 1965

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