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बसौ यह सिय रघुबर को ध्यान

basau yeh siy raghubar ko dhyan

हरिहर प्रसाद

हरिहर प्रसाद

बसौ यह सिय रघुबर को ध्यान

हरिहर प्रसाद

और अधिकहरिहर प्रसाद

    बसौ यह सिय रघुबर को ध्यान।

    श्यामल गौर किशोर बयस दोउ, जे जानहुँ की जान॥

    लटकत लट लहरत श्रुति कुंडल, गहनन की झमकान।

    आपुस में हँसि-हँसि कै दोऊ, खात खिआवत पान॥

    जहँ बसंत नित मह-मह महकत, लहरत लता बितान।

    बिहरत दोऊ तेहि सुमन बाग में, अलि कोकिल करगान॥

    वहि रहस्य सुख रस को कैसे, जानि सकै अज्ञान।

    देवहुँ को जहँ मति पहुँचत नहिं, थकि गये वेद पुरान॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : रामभक्ति-साहित्य में मधुर उपासना (पृष्ठ 381)
    • संपादक : भुवनेश्वरनाथ मिश्र माधव
    • रचनाकार : हरिहर प्रसाद
    • प्रकाशन : बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, पटना
    • संस्करण : 1975
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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