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ऐसा कहूँ नहीं जी परबंदा

aisa kahun nahin ji parbanda

मध्व मुनीश्वर

मध्व मुनीश्वर

ऐसा कहूँ नहीं जी परबंदा

मध्व मुनीश्वर

और अधिकमध्व मुनीश्वर

    ऐसा कहूँ नहीं जी परबंदा, छोड़े सब ही धंदा।

    कितवे सेंवी मुलुक गवायां, कुफ़र में डूबा अंधा।

    गुरु के कदम की बंदकी ना कर, चोरकू दुश्मन चंदा॥

    परधन में हरि दिल में पैठी, गलबीच डाली कंथा।

    हाथ में तसबी हरहर बोले, ख़याली उलटा पंधा॥

    दुनिया लूटी ठग विद्या से, ऐसा बाह्मन कच्चा।

    नाथ माधो कहत है साधो, साईं माने सच्चा॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : हिंदी के जनपद संत (पृष्ठ 385)
    • संपादक : काका साहेब कालेलकर
    • रचनाकार : मध्य मुनीश्वर
    • प्रकाशन : मोेतीलाल बनारसी, दिल्ली
    • संस्करण : 1963
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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