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रचनाकार

कुल: 1694

समादृत पोलिश कवयित्री, निबंधकार और अनुवादक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि-कथाकार और गीतकार। फ़ि‍ल्म-लेखन में भी सक्रिय।

सुपरिचित कवि-आलोचक और अनुवादक। रंगकर्म में भी सक्रिय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध मलयाली कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिन्दी के ऐतिहासिक उपन्यासकार, कहानीकार और नाटककार। रोचक और धाराप्रवाह वर्णनात्मक शैली। भाषा में बुंदेलखंडी पुट।

वृंद

1643 - 1735

रीतिकालीन नीतिकवि। सूक्तिकार के रूप में स्मरणीय।

सुप्रसिद्ध रूसी कवि, दार्शनिक और समालोचक। आध्यात्मिक पुनर्जागरण में योगदान के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी की कवयित्री और गद्यकार।

शुक्लयुगीन हिंदी गद्यकार और ब्रज भाषा के कवि। गांधीवाद के अनुसरण और दलित सेवा के लिए भी उल्लेखनीय।

हिंदी और भोजपुरी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार।

सुपरिचित कवि। एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

सुपरिचित कवि।

प्रगतिशील धारा से संबद्ध प्रमुख आलोचक और कवि। संस्मरण विधा में भी योगदान।

समादृत तेलुगु कवि-साहित्यकार. भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित

सुप्रसिद्ध कवि-आलोचक-संपादक। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष के रूप में योगदान।

हिंदी साहित्यकार, शिक्षविद तथा राजनेता।

समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। ‘कवि’ पत्रिका के संपादक। ‘मुक्तिबोध की आत्मकथा’ शीर्षक पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।

हिन्दी के सशक्त गद्यकार। 'आवारा मसीहा' कृति प्रसिद्धि का आधार। गाँधीवादी मूल्यों से प्रभावित। 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। व्यंग्य में भी उल्लेखनीय योगदान।

समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। कविता का एक अलग मुहावरा गढ़ने और काव्य-विषय-वैविध्य के लिए उल्लेखनीय।

बांग्ला के समादृत कवि-साहित्यकार और शिक्षाविद। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

‘पीली रोशनी से भरा काग़ज़’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। जनवादी लेखक संघ से जुड़ाव।

सुपरिचित कवयित्री। 'पानी का पुल' और 'अनकहा कहा' शीर्षक से कविताओं की दो पुस्तकें प्रकाशित।

समादृत कवि-लेखक।

सुपरिचित कवि।

समादृत कवि-लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित नेपाली कवि और संपादक।

‘जातीय कवि वीरकिशोर’ के रूप में सुप्रसिद्ध ओड़िया कवि। ‘मो देश’ पत्रिका के संपादक के रूप में योगदान।

इस सदी में सामने आईं हिंदी की कुछ प्रमुख कवयित्रियों में से एक। अनुवाद-कार्य के लिए भी उल्लेखनीय।

दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय कवि-कथाकार।

सुपरिचित कवि-लेखक।

सुपरिचित गीतकार। 'भीड़ में बाँसुरी' और 'अक्षरों की कोख से' शीर्षक दो गीत-संग्रह प्रकाशित।

नवें दशक में उभरे कवि। लोकधर्मी से चेतना से संपन्न।

सुप्रसिद्ध कवि-कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नवें दशक के कवि-लेखक। ‘ख़िलाफ़ हवा से गुज़रते हुए’ चर्चित कविता-संग्रह।

आठवें दशक में उभरे कवि, कथाकार और कला-आलोचक। भारत भारतभूषण पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी और उर्दू की नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

मराठी के समादृत कवि-लेखक और समालोचक। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

कविता और आलोचना विधा में सक्रिय। कवि-सम्मेलनों में भी आवाजाही।

सुपरिचित, किंतु दुर्लभ कवि।

आठवें दशक के सशक्त हिंदी कवि।

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