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रचनाकार

कुल: 1694

सुपरिचित कवि-लेखक। दलित संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। दो कविता-संग्रह ‘बीमार मानस का गेह’ और ‘विभीषण का दुःख’ प्रकाशित।

तेलुगु कवि। मृत्यु निरासनम, शिर्लप, सकल्प विकल्पालु आदि कृतियाँ प्रकाशित।

1000 ई. के आस-पास राजस्थान में हुए विशुद्ध रहस्यवादी जैन कवि। भारतीय अध्यात्म में भावात्मक अभिव्यंजना की अभिव्यक्ति के लिए उल्लेखनीय।

हिंदी में प्रेमाख्यान परंपरा का सूत्रपात करने वाले सूफ़ी कवि।

सुप्रसिद्ध कवि-अनुवादक और कलाविद्। पद्मश्री से सम्मानित।

सुपरिचित कवि। 'हत्यारी सदी में जीवन की खोज' और 'प्रार्थनाएँ कुछ इस तरह से करो' शीर्षक से दो कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

राजस्थानी भाषा के सुपरिचित कवि-गीतकार। कविताओं में लोक-संवेदना और नए भावबोध के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

शृंगारी कवि। नायिका के अंग-वर्णन के लिए प्रसिद्ध। एक-एक अंग पर सौ-सौ दोहे लिखने के लिए स्मरणीय।

इस सदी में सामने आए हिंदी कवि-आलोचक और अनुवादक। जन संस्कृति मंच से संबद्ध।

समादृत कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवयित्री और अनुवादक। गद्य-लेखन में भी सक्रिय।

ओड़िया की सुपरिचित कवयित्री, कथाकार और अनुवादक। अनुवाद के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

'अकविता' आंदोलन के दौर की हिंदी की प्रमुख और श्रेष्ठ कवयित्री। 'महाभिनिष्क्रमण' (1992) और 'सोच को दृष्टि दो' (1995) शीर्षक दो कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

छायावाद के दौर के समादृत कवि और गद्यकार।

सुपरिचित पंजाबी कवि-आलोचक-अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि-लेखक। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

संसार के सर्वाधिक प्रभावी व्यक्तित्वों में सर्वोच्च। भारत और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक-आध्यात्मिक नेता और विचारक। महात्मा और राष्ट्रपिता के रूप में समादृत। अनेक पुस्तकों के लेखक।

सुप्रसिद्ध डोगरी कवि-नाटककार। नाट्य-संग्रह के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

आधुनिक पंजाबी कविता के समादृत कवि और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नवें दशक में सामने आए संवेदनशील कवि, लेखक।

नई कहानी दौर के प्रसिद्ध कथाकार। नाट्य-लेखन के लिए भी प्रख्यात। संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित।

डोगरी के लोकप्रिय कवि, राजनीतिक कार्यकर्ता, 'शंखफुन' उर्दू साप्ताहिक के संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि-लेखक।

गद्य-कविताओं के लिए प्रशंसित नेपाली कवि।

'डांखला' विधा में लिखने के लिए प्रसिद्ध राजस्थानी कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मोहन

1880 - 1967

सीतामऊ नरेश। वास्तविक नाम रामसिंह। काव्य-भाषा ब्रजी।

‘लौटने के लिए जाना’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। आलोचना में भी सक्रिय।

सुपरिचित कवि। गद्य-लेखन और साहित्यिक पत्रकारिता में भी सक्रिय।

सुपरिचित लेखक।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

अलक्षित संत कवि। कबीर को आदर्श मानते हुए साधना के गूढ़ भावों को सरल रूप में प्रस्तुत किया।

रूस के सुप्रसिद्ध कवि-लेखक और चित्रकार। रूसी साहित्य पर वृहत प्रभाव के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित राजस्थानी कवि-कथाकार और अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवयित्री।

मीरा

1498 - 1546

भक्तिकाव्य में कृष्ण भक्ति शाखा का चर्चित नाम। राज परिवार में जन्म लेकर भी रजवाड़ों में किए जा रहे स्त्री-शोषण के विरुद्ध खड़ी कवयित्री।

नई पीढ़ी की कवयित्री। 'आनंदी' शीर्षक से एक पुस्तक प्रकाशित।

सुपरिचित रचनाकार।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

नई पीढ़ी की कवयित्री। 'राबिया का ख़त' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

सबुज कविता के प्राणप्रतिष्ठाता कवि-गीतकार। ‘इंद्रायुध’ कविता-संग्रह के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी की लेखिका।

संस्कृत के सुप्रसिद्ध कवि-विद्वान। 'विजयनाटकम्' कृति के लिए उल्लेखनीय।

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