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देहली के रचनाकार

कुल: 146

भारत के दसवें प्रधानमंत्री और हिंदी के लोकप्रिय कवि। भारत रत्न से सम्मानित।

समादृत कवि-आलोचक और संस्कृतिकर्मी। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी कवि-कथाकार और अनुवादक। ‘कश्मीरनामा’ शीर्षक पुस्तक के लिए चर्चित।

सुप्रसिद्ध हास्य कवि।

शब्द-शोध और उसके विस्तार के लिए समादृत व्यक्तित्व। कमलेश्वर के शब्दों में—शब्दाचार्य। अपनी पत्नी कुसुम कुमार के साथ हिंदी के प्रथम समांतर कोश (थिसॉरस) के निर्माण के लिए लोकप्रिय।

नई पीढ़ी के हिंदी-मैथिली कवि-लेखक। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध हास्य कवि।

नई पीढ़ी की लेखिका। कविता-गद्य-अनुवाद-संपादन के क्षेत्र में सक्रिय। 'हिन्दवी' की प्रबंध संपादक।

नई पीढ़ी की कवयित्री और अनुवादक। स्त्रीवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी की कवयित्री। जन संस्कृति मंच से संबद्ध।

परंपरागत जल स्रोतों के पुनरुद्धार और जल-संरक्षण के लिए चर्चित। 'आज भी खरे हैं तालाब' प्रसिद्ध कृति। 'गाँधी मार्ग' पत्रिका के संस्थापक-संपादक। गांधीवादी पर्यावरणविद्।

असमय दिवंगत कवि। हिंदी और अँग्रेज़ी में लिखी कविताओं का एक संग्रह 'उड़ान' शीर्षक से मरणोपरांत प्रकाशित।

नई पीढ़ी की कवयित्री। स्त्रीवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी के कवि। पत्रकारिता से भी संबद्ध।

हिंदी की सुपरिचित कवयित्री और कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

पंजाबी की लोकप्रिय कवयित्री-लेखिका। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

सूफ़ी संत, संगीतकार, इतिहासकार और भाषाविद। हज़रत निज़ामुद्दीन के शिष्य और खड़ी बोली हिंदी के पहले कवि। ‘हिंदवी’ शब्द के पुरस्कर्ता।

हिंदी के प्रसिद्ध कवि-लेखक और संपादक। हरिवंश राय बच्चन से निकटता के लिए भी चर्चित

सुपरिचित कवि और पत्रकार। जन संस्कृति मंच से संबद्ध।

समादृत कवि-कथाकार-अनुवादक और संपादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

रीतिकालीन नखशिख परंपरा के कवि।

समादृत कथाकार। समय-समय पर काव्य-लेखन भी।

सुपरिचित तेलुगु कवि-लेखक-समालोचक। प्रगतिशील लेखन और गतिविधियों के लिए उल्लेखनीय।

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