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दिल्ली के रचनाकार

कुल: 156

वृंद

1643 - 1735

रीतिकालीन नीतिकवि। सूक्तिकार के रूप में स्मरणीय।

सुप्रसिद्ध कवि-आलोचक-संपादक। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष के रूप में योगदान।

समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। ‘कवि’ पत्रिका के संपादक। ‘मुक्तिबोध की आत्मकथा’ शीर्षक पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।

हिन्दी के सशक्त गद्यकार। 'आवारा मसीहा' कृति प्रसिद्धि का आधार। गाँधीवादी मूल्यों से प्रभावित। 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। व्यंग्य में भी उल्लेखनीय योगदान।

समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। कविता का एक अलग मुहावरा गढ़ने और काव्य-विषय-वैविध्य के लिए उल्लेखनीय।

इस सदी में सामने आईं हिंदी की कुछ प्रमुख कवयित्रियों में से एक। अनुवाद-कार्य के लिए भी उल्लेखनीय।

आठवें दशक में उभरे कवि, कथाकार और कला-आलोचक। भारत भारतभूषण पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी और उर्दू की नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

कविता और आलोचना विधा में सक्रिय। कवि-सम्मेलनों में भी आवाजाही।

हिंदी के सुपरिचित कवि-कथाकार। पत्रकारिता में भी सक्रिय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी के अल्पचर्चित कवि। ‘क’ पत्रिका के संपादक।

सुपरिचित पंजाबी कवयित्री और समालोचक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

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