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दिन पिछलो अब आवियों

din pichhlo ab awiyon

संत मंगलगिरी

संत मंगलगिरी

दिन पिछलो अब आवियों

संत मंगलगिरी

और अधिकसंत मंगलगिरी

    दिन पिछलो अब आवियों, सुकरत करले वीर।

    बहतो हाथ खंखोल ले, सुख सागर की तीर॥

    सुखसागर की तीर, संपाडो कर ले चोखो।

    अवसर बीतो जाय, मिले नहीं एसो मोखो॥

    मंगलगिरी यूँ कहत है, बहत निरमल नीर।

    दिन पिछलो अब आवियों, सुकरत करले वीर॥

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