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पारस सतगुरु परखता

paras satguru parakhta

संत मंगलगिरी

संत मंगलगिरी

पारस सतगुरु परखता

संत मंगलगिरी

और अधिकसंत मंगलगिरी

    पारस सतगुरु परखता, लोहा कंचन होय।

    सौ सोनारो परख्यो, खोटा कह्यो कोय॥

    खोटा कह्यो ना कोय, रत्ती भर लेश नहीं कांई।

    अग्नि जैसो रूप, सोलवों सोनो माइं॥

    मंगलगिरी यूँ कहत है, गुण सतगुरु का जोय।

    पारस सतगुरु परखता, लोहा कंचन होय॥

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