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भारत-भारती / अतीत खंड / भारतवर्ष की श्रेष्ठता

bharatvarsh kii shreshThtaa

मैथिलीशरण गुप्त

मैथिलीशरण गुप्त

भारत-भारती / अतीत खंड / भारतवर्ष की श्रेष्ठता

मैथिलीशरण गुप्त

और अधिकमैथिलीशरण गुप्त

    भू-लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला स्थल कहाँ?

    फैला मनेाहर गिरि हिमालय और गंगाजल जहाँ।

    संपूर्ण देशों से अधिक किस देश का उत्कर्ष है?

    उसका कि जो ऋषिभूमि है, वह कौन? भारतवर्ष है॥

    हाँ, वृद्ध भारतवर्ष ही संसार का सिरमौर है,

    ऐसा पुरातन देश कोई विश्व में क्या और है?

    भगवान की भव-भूतियों का यह प्रथम भांडार है,

    विधि ने किया नर-सृष्टि का पहले यहीं विस्तार है॥

    यह पुण्य-भूमि प्रसिद्ध है, इसके निवासी 'आर्य्य' हैं;

    विद्या, कला, कौशल्य सबके जो प्रथम आचार्य्य हैं।

    संतान उनकी आज यद्यपि हम अधोगति में पड़े;

    पर चिह्न उनको उच्चता के आज भी कुछ हैं खड़े॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : भारत भारती (पृष्ठ 4)
    • रचनाकार : मैथलीशरण गुप्त
    • प्रकाशन : साहित्य भंडार इलाहाबाद
    • संस्करण : 1984
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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