उडी धूरि धायौ पंक पारापार फूटि-टूटि
uDi dhuri dhayau pank parapar phuti tuti
खुमान बंदीजन
Khuman Bandijan
उडी धूरि धायौ पंक पारापार फूटि-टूटि
uDi dhuri dhayau pank parapar phuti tuti
Khuman Bandijan
खुमान बंदीजन
और अधिकखुमान बंदीजन
उडी धूरि धायौ पंक पारापार फूटि-टूटि,
हय खुर थार त्यौ पहार छारकन है।
गजहलका की हलकार अलक्का लो,
पलका लो महि मचत नचत खलगन है॥
सज्जि दल आयौ गल गज्जि इंद्रजीत ऐंड़,
उमड़त कमठ कठोर पीठ पन है।
भै भैं परैं भूमिभार दिग्गज दंतारे भारे,
नै नै परै फसकि फनीपति के फन हैं॥
- पुस्तक : लक्ष्मणशतक (पृष्ठ 38)
- संपादक : अखौरी गंगाप्रसादसिंह ‘विशारद’
- प्रकाशन : प्रोप्राइटर लहरी बुकडिपो, काशी
- संस्करण : 1927
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