बड़े बड़े नैन मैन मोहत अनेक आली
baDe baDe nain main mohat anek aali
रामगुलाम द्विवेदी
Ramgulam Dwivedi
बड़े बड़े नैन मैन मोहत अनेक आली
baDe baDe nain main mohat anek aali
Ramgulam Dwivedi
रामगुलाम द्विवेदी
और अधिकरामगुलाम द्विवेदी
बड़े-बड़े नैन मैन मोहत अनेक आली,
साँवरो कुंवर बड़ो सुंदर सुजान री।
बड़े-बड़े मोतिन्ह के कुंडल कलित कान,
बड़े-बड़े बाहुन बिराजै धनु बान री॥
बड़े-बड़े वीर सुभुजादिक समर मारे,
कौसिक प्रवीन बड़े मानत महान री।
अवसि गुलामराम तौरैंगे महेस चाप,
जनक जुड़ाने आजु जानत जहान री॥
- पुस्तक : कवित्त-रामायण (पृष्ठ 6)
- संपादक : महावीरप्रसाद मालवीय वैद्य
- रचनाकार : रामगुलाम द्विवेदी
- प्रकाशन : बेलविडियर प्रेस, प्रयाग
- संस्करण : 1924
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