सरस दरस की दिवाली मान आज़म खाँ
saras daras ki diwali man aazam khan
सरस दरस की दिवाली मान आजम खाँ,
राजत मनोज की निकाई निदरत हैं।
जगर मगर दिसा दीपन सो कर राखी,
तिनै पेखि दुजन पतंग पजरत हैं।
छूटत छबीली हथ-फूलन कों बृंद तामें,
ताकी दुति देखि हिये आनंद भरत हैं।
सो छबि अनंद मानों पावक प्रताप तरु,
फूल्यो ताकै चहुँधा तै फूल ये झरत हैं॥
- पुस्तक : सोमनाथ ग्रंथावली, प्रथम खंड (पृष्ठ 832)
- संपादक : सुधाकर पांडेय
- रचनाकार : सोमनाथ
- प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी
- संस्करण : 1972
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