सजनी सयानी पिक-बैनी सुं कहै कहानी
sajni sayani pik baini sun kahai kahani
गिरिधर पुरोहित
Giridhar Purohit
सजनी सयानी पिक-बैनी सुं कहै कहानी
sajni sayani pik baini sun kahai kahani
Giridhar Purohit
गिरिधर पुरोहित
और अधिकगिरिधर पुरोहित
सजनी सयानी पिक-बैनी सुं कहै कहानी,
कुंजरानी हु चीति न श्रवन धरति है।
कंधरान वांयै कुंज-रंध्र पीय-पंथ चाहै,
बार-बार लै उसास, लोचन भरति हैं।
जानि मोमें दूषन, न आए ब्रजभूषन,
न आए आली नाथ, तरु पूछि हहरति हैं।
अलप निमेष कोटि, कलप तलप पर,
नीर बिना मछरी ज्यों, तरफि परति हैं॥
- पुस्तक : शृंगारमंजरी (पृष्ठ 72)
- रचनाकार : गिरिधर पुरोहित
- प्रकाशन : लोकभारती प्रकाशन
- संस्करण : 1982
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