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सज्जन जो रचे तौ सुधारस सौं कौन काज

sajjan jo rache tau sudharas saun kaun kaj

भूधरदास

भूधरदास

सज्जन जो रचे तौ सुधारस सौं कौन काज

भूधरदास

और अधिकभूधरदास

    सज्जन जो रचे तौ सुधारस सौं कौन काज,

    दुष्ट जीव किये कालकूट सौं कहा रही।

    दाता निरमापे फिर थापे क्यौं कलप-वृच्छ,

    जाचक बिचारे लघु तृण हूं तैं हैं सही॥

    इष्ट के संजोग तैं सीरौ घनसार कछु,

    जगत कौ ख्याल इंद्रजाल सम है वही।

    ऐसी दोय-दोय बात दीखें विधि एक ही सी,

    काहे को बनाई मेरे धोखो मन है यही॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : साहित्य प्रभाकर (पृष्ठ 262)
    • संपादक : महालचंद बयेद
    • रचनाकार : भूधरदास
    • प्रकाशन : ओसवाल प्रेस कलकत्ता
    • संस्करण : 1937
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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