पूर्व बंध नासे सो तो संगीत कला प्रकासे
poorw bandh nase so to sangit kala prkase
बनारसी दास
Banarasi Das
पूर्व बंध नासे सो तो संगीत कला प्रकासे
poorw bandh nase so to sangit kala prkase
Banarasi Das
बनारसी दास
और अधिकबनारसी दास
पूर्व बंध नासे सो तो संगीत कला प्रकासे,
नव बँध रुँधि ताल तोरत उछरि कै।
निसंकित आदि अष्ट अंग संग सखा जोरि,
समता अलापचारी करै सुर मरि कै।
निरजरा नाद गाजै ध्यान मिरदंग बाजै,
छायौ महानंद में समाधि रीझि करि कै।
सत्ता रंगभूमि में मुकत भयौ तिहूँ काल,
नाचै सुद्धदिष्टि नट म्यान स्वांग धरि कै॥
- पुस्तक : हिंदी काव्य गंगा (पृष्ठ 137)
- संपादक : सुधाकर पांडेय
- रचनाकार : बनारसी दास
- प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा
- संस्करण : 1990
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