पावन बनाइ मन मीत! तू अभीत बन
pawan banai man meet! tu abhit ban
शिवकुमार केडिया 'कुमार'
Shivkumar Kediya
पावन बनाइ मन मीत! तू अभीत बन
pawan banai man meet! tu abhit ban
Shivkumar Kediya
शिवकुमार केडिया 'कुमार'
और अधिकशिवकुमार केडिया 'कुमार'
पावन बनाइ मन मीत! तू अभीत बन,
बासना-बिकार तें बिहीन जन तारे जात।
कहत 'कुमार' धौल धार पय-पारावार,
पेखिकै प्रभू के पाद-पदम पसारे जात॥
पावत मलीन तम-लीन मनवारे मूढ़,
जातना जघन्य जबै जीव जम द्वारे जात।
कारे पट मैलवारे मोगरीन मारे जात,
जारे जात ज्वाल पै पखान पै पछारे जात॥
- पुस्तक : साहित्य प्रभाकर (पृष्ठ 584)
- संपादक : महालचंद बयेद
- रचनाकार : शिवकुमार केडिया
- प्रकाशन : ओसवाल प्रेस कलकत्ता
- संस्करण : 1937
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