मंद मंद डोलत अनंदभरी मंदिर में
mand mand Dolat anandabhri mandir mein
चंद्रशेखर वाजपेयी
Chandrashekhar Vajpayee
मंद मंद डोलत अनंदभरी मंदिर में
mand mand Dolat anandabhri mandir mein
Chandrashekhar Vajpayee
चंद्रशेखर वाजपेयी
और अधिकचंद्रशेखर वाजपेयी
मंद मंद डोलत अनंदभरी मंदिर में,
गौन देखि प्यारी को गयंद तरसत है।
रंगदार बसन बिभूषन सिंगार संग,
अंग-अंग जोबन उमंग परसत है।
सेखर सुधा से सने सौगुने रसीले बैन,
नैनन में कुटिल कटाइ दरसत है।
मेरी कही मानो सुनो अरुन सरोजन ते,
ओज वारे सायक मनोज बरसत हैं॥
- पुस्तक : रसिकविनोद (पृष्ठ 116)
- संपादक : हरिमोहन शर्मा
- रचनाकार : चंद्रशेखर वाजपेयी
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