कोऊ कहैं ब्रह्म कोऊ पुरुष पुरान कहैं
kou kahain brahm kou purush puran kahain
रामगुलाम द्विवेदी
Ramgulam Dwivedi
कोऊ कहैं ब्रह्म कोऊ पुरुष पुरान कहैं
kou kahain brahm kou purush puran kahain
Ramgulam Dwivedi
रामगुलाम द्विवेदी
और अधिकरामगुलाम द्विवेदी
कोऊ कहैं ब्रह्म कोऊ पुरुष पुरान कहैं,
कोऊ कहैं कर्म काहू धर्म कै बखान्यौ है।
कोऊ कहैं काल कोऊ कहत सुभाय बुध,
एकहू अनेक कहै जैसो जेहि जान्यौ है॥
जोहौ सोहौ राम तुम्हें वेदहू न जानि सकैं,
रावरे प्रसाद को भरोस उर आन्यौ है।
बदत गुलामराम दासरथी दया-धाम,
प्रभु सों सनेह जुरै ऐसो मन मान्यौ है॥
- पुस्तक : कवित्त-रामायण (पृष्ठ 15)
- संपादक : महावीरप्रसाद मालवीय वैद्य
- रचनाकार : रामगुलाम द्विवेदी
- प्रकाशन : बेलविडियर प्रेस, प्रयाग
- संस्करण : 1924
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