सास्त्र मैं तो सब ठौर कह्यौ है अबिद्या बिषें
sastr main to sab thaur kahyau hai abidya bishen
जसवंत सिंह
Jasvant Singh
सास्त्र मैं तो सब ठौर कह्यौ है अबिद्या बिषें
sastr main to sab thaur kahyau hai abidya bishen
Jasvant Singh
जसवंत सिंह
और अधिकजसवंत सिंह
सास्त्र मैं तो सब ठौर कह्यौ है अबिद्या बिषें,
चेतन कौ प्रतिबिंब सोई जीव जाननौ।
ताकौं फुनि आबरन मान्यौ है अबिद्या ही कौ,
जीव बिषैं याही ते अग्यानपन माननौ।
प्रतिबिंब मानौ देखि आबरन कैसैं बने,
आबरन हो तौ प्रतिबिंब केसै आननौ।
आबरन प्रतिबिंब दोऊ कौ निबाह नाँहि,
ऐसी विधि जीव कहौ कैसै कै प्रमाननौ॥
- पुस्तक : जसवंतसिंह ग्रंथावली (पृष्ठ 139)
- संपादक : विश्वनाथप्रसाद मिश्र
- रचनाकार : जसवंत सिंह
- प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी
- संस्करण : 1972
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