झूम देइ झूला में झुलावती जसोदा माइ
jhoom dei jhula mein jhulawti jasoda mai
ठाकुर बुंदेलखंडी
Thakur Bundelkhandi
झूम देइ झूला में झुलावती जसोदा माइ
jhoom dei jhula mein jhulawti jasoda mai
Thakur Bundelkhandi
ठाकुर बुंदेलखंडी
और अधिकठाकुर बुंदेलखंडी
झूम देइ झूला में झुलावती जसोदा माइ,
चूम चूम बदन बलैया लेत प्यारे की।
झीनी सोहै झँगुली औ झालर झड़ूली लसै,
अँखियाँ रसीली नीकी कंज सी सुखारे की।
‘ठाकुर' कहत चितचोर चितवन चारु,
रूप में मिलत त्यों किलोलैं किलकारे की।
कंजहू तें कोंरीं जिन्हें बंदत महेस अज,
लागैं सबै पैयाँ या गुबिंद गभुआरे की॥
- पुस्तक : रीतिमुक्त कवि : नया परिदृश्य (पृष्ठ 146)
- संपादक : रामफेर त्रिपाठी
- रचनाकार : ठाकुर बुंदेलखंडी
- प्रकाशन : मधु प्रकाशन, इलाहाबाद
- संस्करण : 1982
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