जलद तमाल कुन्द कनक वरन
jalad tamal kund kanak waran
जलद तमाल कुंद कनक वरन दोऊ,
वयस किसोर पीत आभरन्ह धारे हैं॥
कटिन्ह तूनीर पानि सोहत धनुष बान,
उर मनिमाल भाल तिलक सँवारे हैं।
विस्वामित्र साथ-साथ चौतनी हरत मन,
राजत रुचिर मंच रूप उँजियारे हैं।
देखि राम लखन 'गुलामराम' नरनारि,
अंग-अंग ऊपर अनंग कोटि वारे हैं॥
- पुस्तक : कवित्त-रामायण (पृष्ठ 7)
- संपादक : महावीरप्रसाद मालवीय वैद्य
- रचनाकार : रामगुलाम द्विवेदी
- प्रकाशन : बेलविडियर प्रेस, प्रयाग
- संस्करण : 1924
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