जाके वाम भाग में बिराजै मिथिलेस सुता
jake wam bhag mein birajai mithiles suta
रामगुलाम द्विवेदी
Ramgulam Dwivedi
जाके वाम भाग में बिराजै मिथिलेस सुता
jake wam bhag mein birajai mithiles suta
Ramgulam Dwivedi
रामगुलाम द्विवेदी
और अधिकरामगुलाम द्विवेदी
जाके वाम भाग में बिराजै मिथिलेस सुता,
सहित सनेह सदा छबि की छटा छई।
दाहिने रहतत जाके लखन अनूप रूप,
नखशिख नीके हेम उपमा न हौं दई॥
जाके अंग-अंग पै अनंग कोटि वारियत,
धरे धनुबान पानि विश्व विजई नई।
बदत 'गुलामराम' दया करि दीजै राम,
मेरे मन बसै सोई मूरति कृपा मई॥
- पुस्तक : कवित्त-रामायण (पृष्ठ 16)
- संपादक : महावीरप्रसाद मालवीय वैद्य
- रचनाकार : रामगुलाम द्विवेदी
- प्रकाशन : बेलविडियर प्रेस, प्रयाग
- संस्करण : 1924
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