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हाथ हंसि दीन्हों भीति अंतर परोस प्यारी

hath hansi dinhon bhiti antar paros pyari

कालिदास त्रिवेदी

कालिदास त्रिवेदी

हाथ हंसि दीन्हों भीति अंतर परोस प्यारी

कालिदास त्रिवेदी

और अधिककालिदास त्रिवेदी

    हाथ हंसि दीन्हों भीति अंतर परोस प्यारी,

    हाथ साथ छकी मति कान्हर प्रवीन की।

    निकस्यो झरोखो ह्वै कै विकस्यों कमल सम,

    ललित अँगुठी तामें चमक चुनीन की॥

    ‘कालिदास’ तैसी लाली मेंहदी के बिंदुन को,

    चारु नख चंद की ललित अंगुरीन की।

    तैसी छबि छलकति छाप के छलान की,

    सुकंकन चुरीनकी जराऊ पहुँचीन की॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : हिंदी काव्य गंगा (प्रथम भाग) (पृष्ठ 235)
    • संपादक : सुधाकर पांडेय
    • रचनाकार : कालिदास त्रिवेदी
    • प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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