सासू और ननंद जम ऊ तें जोरदार
saasuu aur nana.nd jam uu te.n joradaar
गिरिधर पुरोहित
Giridhar Purohit
सासू और ननंद जम ऊ तें जोरदार
saasuu aur nana.nd jam uu te.n joradaar
Giridhar Purohit
गिरिधर पुरोहित
और अधिकगिरिधर पुरोहित
सासू और ननंद जम ऊ तें ज़ोरदार,
रैन-दिन तिनहीं के बस मेरी देह री।
आली तुम हो सयानी तातैं आगैं कहति हौं,
ऐसी कोउ है जु प्यारे को दरस दे हरी।
कहाँ ब्रजनाथ कहाँ मूढ़ मंद भागिनी कू,
कैसें करि देखौं गिरिधारी स्याम देह री।
चरन थरथराय द्वार लौं गयो न जाय,
केहरी ह्वै खाति है दई की लीन्ही देहरी॥
- पुस्तक : शृंगारमंजरी (पृष्ठ 89)
- रचनाकार : गिरिधर पुरोहित
- प्रकाशन : लोकभारती प्रकाशन
- संस्करण : 1982
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