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देव-पति-रानी, देव-रानी, नग-नाग-रानी

dew pati rani, dew rani, nag nag rani

छत्रसाल

छत्रसाल

देव-पति-रानी, देव-रानी, नग-नाग-रानी

छत्रसाल

और अधिकछत्रसाल

    देव-पति-रानी, देव-रानी, नाग-नाग-रानी,

    दिन-मनि-रानी, चंद्र-रानी झलाझल की।

    कहै छत्रसाल यच्छ-रानी अरु पच्छि-रानी,

    गावे अप्सरानी जासु कीरति अमल की॥

    बानी महरानी, रुद-रानी कर जोरि-जोरि,

    चाहैं कृपा-कोर चारु लोचन-कमल की।

    ह्वैकैं परिचारिका परतीं परानि आय,

    करतीं टहल नित्य राधिका-महल की॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : छत्रसाल-ग्रंथावली (पृष्ठ 2)
    • संपादक : वियोगी हरि
    • रचनाकार : छत्रसाल
    • प्रकाशन : श्रीछत्रसाल-स्मारक-समिति, पन्ना, मध्य प्रदेश
    • संस्करण : 1926

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