तम के बिपिन में सरल पंथ सात्विक को
tam ke bipin me.n saral pa.nth saatvik ko
बलभद्र मिश्र
Balbhadr Mishra
तम के बिपिन में सरल पंथ सात्विक को
tam ke bipin me.n saral pa.nth saatvik ko
Balbhadr Mishra
बलभद्र मिश्र
और अधिकबलभद्र मिश्र
तम के बिपिन में सरल पंथ सात्विक को,
कैधों नीलगिरी पर गंगाजूकी धार है।
कैधों बनवारि बीच राजत रेख कैधों,
चंद्र कीनो अंधकार को प्रहार है॥
नापति सिंगार भूमि डोरी हास रस कैधों,
‘बलभद्र’ कीरति की लीक सुकुमार है।
पय की है सार घनसार की असार माँग,
अमी कैसी आपगा उपरि करतार है॥
- पुस्तक : हिंदी काव्य गंगा, प्रथम भाग (पृष्ठ 190)
- संपादक : सुधाकर पांडेय
- रचनाकार : बलभद्र मिश्र
- प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी
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