अंतस के काग हंस वाहिज बनाये गात
antas ke kag hans wahij banaye gat
ललिताप्रसाद त्रिवेदी
Lalitaprasad Trivedii
अंतस के काग हंस वाहिज बनाये गात
antas ke kag hans wahij banaye gat
Lalitaprasad Trivedii
ललिताप्रसाद त्रिवेदी
और अधिकललिताप्रसाद त्रिवेदी
अंतस के काग हंस वाहिज बनाये गात,
छिपि कै अवास मद मास राचिबो करें।
कोटिन कलंक निरसंक ह्वै लगाइ जाइ,
द्विजन निहारि हिय माँहि अचिंबो करें॥
कैसी करै ललित कराल कलिकाल जाल,
देखि गन सूदन के हियो ताचिबो करैं।
लोक परलोक हू की त्रास न करत नीच,
बैठि बर आसन पुरान बाँचिबो करें॥
- पुस्तक : साहित्य प्रभाकर (पृष्ठ 439)
- संपादक : महालचंद बयेद
- रचनाकार : ललिताप्रसाद त्रिवेदी
- प्रकाशन : ओसवाल प्रेस कलकत्ता
- संस्करण : 1937
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