अंत समै नीकैं करि बिचारै तें जान्यौ जात
ant samai nikain kari bicharai ten janyau jat
जसवंत सिंह
Jasvant Singh
अंत समै नीकैं करि बिचारै तें जान्यौ जात
ant samai nikain kari bicharai ten janyau jat
Jasvant Singh
जसवंत सिंह
और अधिकजसवंत सिंह
अंत समै नीकैं करि बिचारै तें जान्यौ जात,
केवल प्रतछ प्रान बाय कौ आधार है।
देखियत साँस फुनि नारी हूँ जौ देखियत,
देखियत साँस ही सौं आय कौ बिचार है।
सीतलता उष्नता प्रकार और केतिक जे,
देखियत तिनहूँ मैं प्रान कौ बिहार है।
देह माँहि जीव कहौ कौन बिधि कह्यौ जाइ,
जीव के बियोग कौ तौ एकौ न प्रकार है॥
- पुस्तक : जसवंतसिंह ग्रंथावली (पृष्ठ 138)
- संपादक : विश्वनाथप्रसाद मिश्र
- रचनाकार : जसवंत सिंह
- प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी
- संस्करण : 1972
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