ऐसै जो तूँ जानै जो अबिद्या बिस्वकारन है
aisai jo toon janai jo abidya biswkaran hai
जसवंत सिंह
Jasvant Singh
ऐसै जो तूँ जानै जो अबिद्या बिस्वकारन है
aisai jo toon janai jo abidya biswkaran hai
Jasvant Singh
जसवंत सिंह
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ऐसै जो तूँ जानै जो अबिद्या बिस्वकारन है,
यहै है अनादि याहि इच्छा काहे कहियै।
कौन है अबिद्या वह काहू सौं भई है किधौं,
आपही सौं उपजी है कौन भाँति लहियै।
कौन है कहै अबिद्या हेत सबकौ ते कहैं,
काहू तैं न भई आप उपजीयौ नहियै।
ते तौ कहै बचन में कैसै हूँ न आवति है,
अनिरबचन ताहि कैसे करि गहियै॥
- पुस्तक : जसवंतसिंह ग्रंथावली (पृष्ठ 136)
- संपादक : विश्वनाथप्रसाद मिश्र
- रचनाकार : जसवंत सिंह
- प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी
- संस्करण : 1972
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