Font by Mehr Nastaliq Web

ये बदतमीज़ लड़कियाँ

ye badtamiz laDkiyan

पंकज चौधरी

पंकज चौधरी

ये बदतमीज़ लड़कियाँ

पंकज चौधरी

और अधिकपंकज चौधरी

    अपनी-अपनी ड्यूटी से घर लौट रही ये लड़कियाँ

    भरी मेट्रो ट्रेन में अपने-अपने ब्वायफ़्रेंड को किस कर दे रही हैं

    लड़कों के बालों में अँगुलियाँ फिरा दे रही हैं

    उनके कंधों पर अपने हाथों को रख दे रही हैं

    और ऐसे आँख मार रही हैं

    जैसे उनको भारी तलब लग गई हो

    जबकि लड़के हैं कि लाज से मारे जा रहे हैं

    अपनी-अपनी फ़्रेंडों से दूर भागने की कोशिश में हैं

    तब भी लड़कियाँ हैं कि गगनचुंबी हँसी छोड़ रही हैं

    आप कह सकते हैं कि ये बदतमीज़ लड़कियाँ हैं

    शराब पी रखी होगी

    सिगरेट तो इन्हें पीते ही देखा है

    सारी शर्मो-हया को घोंट लिया है

    तमाम मर्यादाओं, परंपराओं, आस्थाओं, संस्कृति को रौंद दिया है

    आप इनके बारे में कुछ भी कल्पना कर सकते हैं

    और हो सकता है कि आपकी कल्पना यथार्थ के काफ़ी क़रीब भी हों

    या आपकी कल्पना से भी काफ़ी आगे निकल चुकी हों ये लड़कियाँ

    जैसे

    सेक्स पर वे

    आपकी भाषा में बिच होकर बोलती हैं

    और अपने तरोताज़ा, हँसमुख और सुंदर होने का राज़

    सुबह, दुपहर और शाम की सेक्स को बताती हैं

    अगर आप

    उनके उरोजों की तुलना गुंबदों से करते हैं

    नितंबों को विंध्याचल पर्वत की उपमा देते हैं

    और उसकी योनि को जवाहर सुरंग सरीखी बताते हैं

    तो इसका उसे कोई उज़्र नहीं

    इसको तो वे अपना शानदार विज्ञापन ही मानती हैं

    और जब वे ख़ुद-ब-ख़ुद

    अपने ब्रेस्ट, क्लीवेज़, बटोक्स़

    और वजाइना के बारे में

    बिंदास होकर बोल रही हों तो फिर क्या कहने

    दोस्ती के पहले ही दिन

    अपने ब्वॉयफ़्रेंड से वे यह पूछना नहीं भूलतीं

    कि तुम्हा्रा साइज क्या है

    किसी महिला का अपने पुरुष मित्र से यह सवाल

    बिल्कुल वैसा ही है जैसा किसी पुरुष का अपनी होने वाली पत्नी से

    उसकी वर्जिनिटी से संबंधित सवाल बार-बार करना

    वर्जिनिटी इन लड़कियों के लिए महापाप का कारण है

    और इसे वह उन पाखंडी साध्वियों-संन्यासिनों के लिए छोड़ती हैं

    जो पता नहीं अपने कौमार्य का चढ़ावा

    कितनी-कितनी बार योगियों, महाराजाओं और शंकराचार्यों को चढ़ा चुकी होती हैं

    प्री-मैरिटल सेक्स में यक़ीन करने वाली ये छोरियाँ

    बेडरूम में अपने पार्टनर का बढ़-चढ़कर सपोर्ट करती हैं

    सेक्स की एक से एक तरकीबों को आज़माती हैं

    और जब वे अपने पार्टनर के ऊपर चढ़ जाती हैं तो वे यह भूल जाती हैं कि

    मर्द को सदैव ऊपर और औरत को नीचे होना चाहिए

    वह अपने पार्टनर का जब उद्याम भोग कर लेती हैं

    तो उसे एक ज़ोरदार किस देना भी नहीं भूलतीं

    और इस तरह वे बेडरूम से

    किसी मर्द की सेक्सगुरु होकर निकलती हैं

    वे पहनने के लिए आज

    साड़ी और सूट का सेलेक्शन नहीं करतीं

    बल्कि टाइट जींस और खुली बाँहों वाली टॉप-स्कर्ट

    उसकी प्राथमिकताओं में शुमार हैं

    ताकि इनसे वे कंफर्टेबल तो रह ही सकें

    साथ ही साथ उनके शारीरिक सौंदर्य और गोलाइयों की भी

    सटीक और अचूक अभिव्यक्ति हो सके

    और ऐसा करते हुए वे

    बड़े-बुज़ुर्गों की उस सीख को भी धता बता रही होती हैं

    जो ‘आपरूपी भोजन और पररूपी शृंगार’ की नसीहत बघारते नहीं थकते

    सेक्सा और देह उनके लिए आज कोई टैबू नहीं

    उसकी देह पर आज किसी और का पेटेंट नहीं

    जिसकी देह उसी का पेटेंट सही

    देह उसकी तो मर्ज़ी भी उसकी

    देह उसकी तो जागीर भी उसी की

    उसकी देह और शारीरिक संरचना

    आज मजबूरी नहीं बल्कि मज़बूती में तब्दील हो गई है

    मेट्रो की लड़कियाँ

    जितनी ज़्यादा स्वावलंबी

    उनकी देह उतनी ही आज़ाद

    और जिसकी देह जितनी ज़्यादा आज़ाद

    जीवन की राहों पर वह उतनी ही आबाद

    और घर की ज़ंजीरें उतनी ही कमज़ोर।

    स्रोत :
    • रचनाकार : पंकज चौधरी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए