कभी भी प्रेमिका
बेहतर समाज का स्वप्न देखने वाले कवि की
अब पत्नी बेहद व्यस्त आदमी की
जो अफ़सर, कवि, कहानीकार और संगीतकार है
कविताओं और ग़ज़लों के प्रायोजित पुरस्कारों में
तलाशती अपना खोया प्रेम
अपना स्वप्नदर्शी कवि
अदा से मुस्कुराती
आँखों की उदासी को
रेबैन से छुपाती
महफ़िलों की शान है!
मित्रो,
आपसे गुज़ारिश है
अगर आप कभी उससे मिलें तो
उसकी आँखों में न झाँकिएगा
अगर आपने ऐसा किया तो
यक़ीन जानिए वह रो पड़ेगी ज़ार-ज़ार
बोलने लगेगी सच-सच
दिखाएगी आपको अपने दाहिने हाथ का
तनिष्क का मोटा कंगन
जिसके नीचे छिपे होंगे
नसों के कटने के तीन निशान
मित्रो, इस निशानवाली बात को किसी से न कहिएगा
वह एक मशहूर आदमी की गुमनाम पत्नी है...
- रचनाकार : प्रीति चौधरी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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