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वे तटस्थ रहना चाहते हैं

we tatasth rahna chahte hain

गुलज़ार हुसैन

गुलज़ार हुसैन

वे तटस्थ रहना चाहते हैं

गुलज़ार हुसैन

और अधिकगुलज़ार हुसैन

    वे बड़े लेखक, बड़े चित्रकार

    बड़े पत्रकार और बड़े अभिनेता हैं

    लेकिन वे देश में सबसे बड़ी-जटिल समस्याओं को पैदा करने वाले घटनाक्रमों पर

    एक शब्द भी नहीं बोलते हैं

    वे लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार के आरोपियों की रिहाई पर चुप हैं

    वे चौरासी के सिख विरोधी दंगे और गुजरात में हुए क़त्लेआम के मुद्दे पर पौधे में पानी देते हुए सिगरेट से धुआँ निकालते हैं

    पर ज़ुबान नहीं खोलते

    वे बाबरी मस्जिद के तोड़े जाने के मुद्दे पर कोई राय नहीं देना चाहते हैं

    वे तटस्थ रहना चाहते हैं

    ताकि उनकी कला सबके लिए हो

    हत्यारों के लिए भी

    और दुर्व्यवस्था के शिकार लोगों के लिए भी

    क्या वे सचमुच महान कलाकार हैं

    जिनकी कलाकृतियों में कोई आवाज़ नहीं है?

    स्रोत :
    • रचनाकार : गुलज़ार हुसैन
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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