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तुम इतने उदास क्यों हो?

tum itne udas kyon ho?

सारुल बागला

सारुल बागला

तुम इतने उदास क्यों हो?

सारुल बागला

और अधिकसारुल बागला

    तुम इतने उदास क्यों हो?

    क्या ख़ुद से ही हार बैठे हो

    कोई अघोषित युद्ध

    और तुम्हारे भीतर से

    कोई नदी निकलने वाली है

    नहीं इतना उदास होना ठीक नहीं

    ख़ुद से घोषित युद्ध

    कभी ख़त्म नहीं होते

    और हक़ीक़त के कई मसले

    अनिर्णीत छूट जाते हैं

    सही बंदूक़

    क़लम तो है

    तुम इतने उदास क्यों हो?

    स्रोत :
    • रचनाकार : सारुल बागला
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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