Font by Mehr Nastaliq Web

वेंटिलेटर पर लोकतंत्र

ventiletar par loktantr

अर्पण जमवाल

अर्पण जमवाल

वेंटिलेटर पर लोकतंत्र

अर्पण जमवाल

और अधिकअर्पण जमवाल

    घृणा में डूबा हुआ है सारा देश,

    नफ़रतों की आग में सेकी जा रही हैं,

    स्वार्थ की रोटियाँ।

    किसान खेती छोड़कर,

    सड़कों पर बैठकर, नारे बो रहे हैं।

    चारों ओर आंदोलनों का ज़ोर है।

    हाकिम तंत्र के साथ व्यस्त है,

    दमन की योजनाओं में।

    पूँजीपतियों के घर नहा रहे हैं,

    चमचमाती रौशनी में,

    ग़रीब की झोंपड़ी में,अब भी अँधेरा पसरा है।

    उसके चूल्हे की बुझी आग...

    उसके भूखे पेट में धधक रही है।

    स्त्रियाँ अपनी अस्मिता को लेकर,

    न्यायलय में खड़ी आपत्ति दर्ज़ कर रहीं हैं… 

    ईश्वर ने नहीं लिखा उन्हे ब्रेल लिपि में,

    कि उनके अस्तित्व को स्वीकारने के लिए,

    छूना ज़रूरी है…!

    जबकि न्यायालय कहता कि स्त्री को छूना…

    नहीं है यौन शौषण,

    किसी गैर पुरुष का स्त्री को स्पर्श करना नहीं आता,

    अपराध की श्रेणी में।

    न्याय व्यवस्था लाचार खड़ी देख रही है,

    सुनो! लड़कियों

    न्याय के लिए तुम्हें मरना होगा और

    मरने के उपरांत इंतज़ार करना होगा,

    न्याय पाने के लिए, ठीक निर्भया की तरह!

    न्याय के मंदिरों में,

    याचकों की भीड़ है,

    दुआएँ एकमात्र सहारा हैं,दुआओं का दौर जारी है।

    कवि!

    लगातार प्रयासरत हैं,

    अपनी कविताओं में लोकतंत्र को बचाने के लिए...

    वो बयान दे रहे हैं कि कुछ कहा नहीं जा सकता, 

    लोकतंत्र बचेगा या नहीं,

    ये आने वाला समय ही तय करेगा,

    राजा को तानाशाही छोड़ न्यायप्रिय होना होगा।

    जनता को इस दुस्वप्न से जागना होगा,

    कि अच्छे दिन आएँगे…!

    तभी लोकतंत्र को बचाया जा सकेगा,

    फिलवक्त लोकतंत्र वेंटिलेटर पर है…!

    स्रोत :
    • रचनाकार : अर्पण जमवाल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए