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उसके आने की ख़बर कौन-ओ-मकाँ से आई

uske aane ki khabar kaun o makan se i

बाबुषा कोहली

बाबुषा कोहली

उसके आने की ख़बर कौन-ओ-मकाँ से आई

बाबुषा कोहली

और अधिकबाबुषा कोहली

    इंतज़ार की ज़मीन पर रखना क़दम

    सारे आचार-विचार उतार कर

    ठीक वैसे ही जैसे चप्पल-जूते बाहर उतार कर जाते हैं लोग

    मंदिरों के भीतर

    इंतज़ार में नहीं होता कोई पागल

    पागल में होता है इंतज़ार

    समझो कि रात है पागल तो चाँद इंतज़ार

    बाग़ हैं पागल तो फूल इंतज़ार

    कभी देखना रास्ते को

    इंतज़ार की रौशनी में चमकते हुए

    गुज़रना रास्ते से

    इंतज़ार की महक में गमकते हुए

    रास्तों में ठोकर लगने पर आँखें खुलती भी हैं

    मुँदती भी

    जिस पत्थर की ठोकर से खुल जाती हों आँखें

    हो हो उसका नाम दुनियादारी होगा

    जिन ठोकरों के बाद आँखें मुँदी ही रह जाती हों

    जानना,

    उन पत्थरों के नीचे दबा होगा ईश्वर के घर का पता

    लहू से नहीं सना वह रास्ता जो उसके घर तक जाता हो

    आँखों के पानी से बना है

    देवालयों में नहीं रहता ईश्वर

    ईश्वर में रहते हैं देवालय

    वैसे ही जैसे मुझ में नहीं रहता है प्रेम

    प्रेम में रहती हूँ मैं

    इंतज़ार के उजाले में उजागर हो जाता है अपना नन्हा-सा क़द

    धरती पर पड़ी परछाई मिट्टी से खेलती है

    अब की बार देखना जब चाँद, फूल या रास्ते के पत्थर

    एक और ही नज़र से देखना

    चाँद को रात की बगिया में खिले फूल की तरह देखना

    बाग़ों में अलग-अलग रंग के सैकड़ों चाँद महकते हुए देखना

    कभी आधे चाँद का रस निचोड़ इत्र बना लेना

    मलना कलाइयों में

    फूलों को अर्घ्य देना और रास्ते के पत्थरों पर जल ढार देना

    शब्दों के मायने का एक हो जाना भाषा की उदारता नहीं

    असलियतों की मौज़ है

    शब्दकोश के सारे शब्द कुछ दूर चलकर इंतज़ार में बदल जाते हैं

    जैसे संगीत सुने जाने का इंतज़ार

    दृश्य देखे जाने का इंतज़ार

    गेहूँ की बालियाँ पकने का इंतज़ार

    कोई पेड़ चिड़ियों की चहचह के बिना पूरा नहीं होता

    पत्तियों का सब्ज़ मुकम्मल होने के लिए करता है

    चिड़ियों का इंतज़ार

    इंतज़ार की तहज़ीब सीखने में उम्रें गुज़र जाती हैं

    आँखों में लगातार मारना होता है पानी के छींटे

    तब जाकर खुलता है भेद

    कि किनारे हैं पागल और नदी इंतज़ार

    स्रोत :
    • रचनाकार : बाबुषा कोहली
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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