Font by Mehr Nastaliq Web

उसे मालूम नहीं था

use malum nahin tha

ललन चतुर्वेदी

ललन चतुर्वेदी

उसे मालूम नहीं था

ललन चतुर्वेदी

और अधिकललन चतुर्वेदी

     

    वह भी सफ़र में है और लोगों की तरह
    इतनी सी बात, कोई उससे कहना नहीं चाहता था
    वह भी एक मुसाफ़िर है—
    ऐसा वह सुनना नहीं चाहता था
    वह लगभग भूल चुका था कि
    पृथ्वी किसी का स्थायी निवास नहीं है

    वह चाहता था कि कोई उससे आगे कभी नहीं चले
    जब कुछ लोग साथ चलते थे 
    वह असामान्य गति से आगे निकल जाता था
    अगल-बग़ल से कोई निकल रहा हो तो
    वह धूल उड़ाने या कीचड़ उछालने से कभी नहीं चूकता था  
    वह अपना सारा समय दुनिया के हर व्यक्ति को 
    बौना साबित करने में लगाता था

    वह सौंदर्य और शीतलता के बजाय
    चाँद के धब्बे का चटखारे लेकर बखान करता था
    और हँस देता था... ही... ही... ही... ही...
    वह आकाश पर थूकने के शातिराना अंदाज़ के लिए 
    कुख्यात हो चुका था
    दिखाने के लिए करता था मुँह ऊपर और
    सामने वाले की ओर देखकर थूक देता था पिच्च...
    गालियों का प्रयोग सुभाषितों की तरह करता था
    अंकों से खेलता था कंचे की मानिंद
    पिस्तौल की कमी जीभ से पूरी कर लेता था
    उसे देखते ही लोग स्वत: हो जाते थे किनारे
    यक़ीन मानिए वह बहुत पढ़ा-लिखा था  
    उसकी डिग्रियाँ उसके नामपट्ट में समा नहीं पाती थीं
    वह असुगंधित पुष्प भी होता तो लोगों को कोई परेशानी नहीं होती
    मगर वह जिस रास्ते से गुज़रता लोग नाक बंद कर लेते थे
    उसके दूर जाते ही लोग एक लंबी साँस लेकर 
    एक-दूसरे का मुँह देखने लगते थे
    इस बीच कोई बोल पड़ता था—
    अकरब मरे न छूतहर फूटे।1

    स्रोत :
    • रचनाकार : ललन चतुर्वेदी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए