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उदास लड़के

udas laDke

नवीन रांगियाल

नवीन रांगियाल

उदास लड़के

नवीन रांगियाल

और अधिकनवीन रांगियाल

    दुनिया की सारी लड़कियाँ

    कविताओं में ही साँस लेती हैं

    उनकी तमाम लिपस्टिक और उसकी गंध

    कविताओं में ही मिलती है

    उनके दिए हुए फूल सूख जाते हैं किताबों में

    लेकिन प्रेम-कहानियों में

    वे कभी मुरझाते नहीं सालों बाद भी

    कविताओं के बिंब के लिए ज़रूरी है

    कि लड़कियों के छोड़े गए कॉफ़ी के जूठे कप का इस्तेमाल किया जाए

    कविताओं में कॉमा

    मात्राओं के बीच बिंदी

    लड़कियों के तिल की वजह से ही लगाई जाती है

    सारे ख़याल वहीं से आते हैं—

    ख़ूबसूरत लड़कियों की बाँहों से

    दुनिया की तमाम झीलें

    उनकी आँखों के पास से ही गुज़रती हैं

    और फूल भी उनके आँसूओं से खिलते-पनपते हैं

    लड़कियों के पास कमर नहीं होती

    तो कविताओं में नदियाँ भी नहीं बहतीं

    गद्य का सारा सामान

    लड़कियाँ ही एक्सपोर्ट करती हैं कवियों के पास

    कवि अपने कांधों पर लादकर घर ले आते हैं—

    माशूक़ाओं के ख़्वाब

    और रात होते ही जमा कर लेते हैं—

    अपनी डायरियों में

    इन सबके बीच जो लड़के उदास हैं

    और जो कवि भी नहीं हैं

    कभी देखा है उन्हें ग़ौर से—

    चाय के एक छोटे से ग्लास के साथ

    छोड़े गए सिगरेट के ठूँठ की तरह

    अपनी एश-ट्रे की राख में कितने अकेले हैं—

    दुनिया के तमाम उदास लड़के!

    स्रोत :
    • रचनाकार : नवीन रांगियाल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए द्वारा चयनित

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